Mauni Amavasya 2023: मौनी अमावस्या आज, जानिए तिथि, मुहूर्त और महत्व
माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को माघी या मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस बार यह शुभ तिथि 21 जनवरी यानी आज है। अमावस्या तिथि शनिवार के दिन पड़ने के कारण इसे शनिश्चरी अमावस्या भी कहा जाएगा। साथ ही इस दिन प्रयागराज में शाही स्नान भी किया जाएगा. मौनी अमावस्या की तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान, जप, दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है। इस अमावस्या तिथि पर मौन रहकर मन को शांत रखकर साधु-संतों की तरह ध्यान करना अति उत्तम माना गया है। पद्म पुराण में बताया गया है कि मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर किए गए जप, तप और दान से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और विशेष धार्मिक लाभ देते हैं। आइए जानते हैं मौनी अमावस्या का महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।
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ध्यान मौन में किया जाता है
मौनी अमावस्या के दिन पूरे दिन सन्नाटा रहता है इसलिए इसे मौनी अमावस्या कहा जाता है। जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, मौनी का अर्थ है चुप रहना। इस दिन व्रत करने वाले पूरे दिन मौन रहकर भगवान का ध्यान करते हैं। मौनी अमावस्या की तिथि धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों को करने के लिए बहुत शुभ मानी जाती है। मान्यता है कि इसी दिन ऋषि मनु का जन्म भी हुआ था।
मौनी अमावस्या का महत्व
मौनी अमावस्या को माघी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। मौनी अमावस्या के दिन धार्मिक कार्य करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। अमावस्या तिथि के दिन स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन कंबल, फल, गर्म कपड़े, अनाज आदि दान करने का विशेष महत्व है। माघ का महीना भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है, इस महीने में किया जाने वाला जप, दान और पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं जो लोग कुंभ नदी में जाकर स्नान नहीं कर सकते वे सभी तीर्थों का आह्वान करते हुए गंगाजल मिलाकर घर में ही स्नान कर सकते हैं.
मौनी अमावस्या पर शुभ योग
इस बार मौनी अमावस्या पर बहुत ही शुभ योग बन रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ 30 साल बाद खप्पर योग बन रहा है। खप्पर योग शनि के शुभ प्रभावों के लिए किए गए उपायों के लिए विशेष फलदायी माना जाता है। मौनी अमावस्या से कुछ दिन पहले यानी 17 जनवरी को शनि मकर राशि से बदलकर कुंभ राशि में आ गया है। इस समय सूर्य-शुक्र की युति और त्रिकोण की मकर राशि में स्थिति के कारण खप्पर योग बन रहा है।
मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त
अमावस्या तिथि का प्रारंभ- 21 जनवरी को सुबह 06 बजकर 17 मिनट
अमावस्या तिथि की समाप्ति- 22 जनवरी को प्रातः 02 बजकर 22 मिनट तक
सूर्योदय- 21 जनवरी को सुबह 07 बजकर 13 मिनट पर
मौनी अमावस्या 21 जनवरी, शनिवार को उदया तिथि को देखते हुए मनाई जाएगी।
मौनी अमावस्या पूजा विधि
मौनी अमावस्या की तिथि को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की सफाई करनी चाहिए और गंगा-यमुना या किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। स्नान करते समय 'गंगा च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती, नर्मदे सिंधु कावेरी जलेस्मिन सन्निधिम कुरु' इस मंत्र का जाप अवश्य करें। स्नान करने के बाद तांबे के लोटे में काले तिल और लाल फूल मिलाकर सूर्य को जल चढ़ाएं और भगवान हरि का ध्यान करते हुए मौन रहने का संकल्प लें। मौन रहकर गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन कराएं और पितरों के नाम पर दान भी करें। इस दिन तुलसी की पूजा करें और 108 बार परिक्रमा करें।