वास्तु दोष ही नही बल्कि ग्रह दशा भी ठीक करता है मोर पंख, जानें मोर पंख से जुड़े कुछ ज्योतिषीय उपाय
वास्तु दोष ही नही बल्कि ग्रह दशा भी ठीक करता है मोर पंख, जानें मोर पंख से जुड़े कुछ ज्योतिषीय उपाय
ज्योतिष में मोर पंख का बहुत महत्व माना जाता है। इसके साथ ही इसे नवग्रह का प्रतीक भी कहा जाता है। साथ ही इस पंख की सहायता से कुंडली के दोषों के साथ-साथ घर के वास्तु दोष भी दूर किए जा सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि मोर पंख अपने आसपास रखने से नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव कम होता है। और व्यक्ति के चारों ओर सकारात्मक शक्तियां उत्पन्न होती हैं। इसलिए ज्योतिष में मोर पंख को शुभ माना गया है।
हिंदू धर्म में मोर पंख का बहुत महत्व ही माना जाता है क्योंकि यह पंख भगवान कृष्ण जी को बहुत अति प्रिय था। यही कारण है कि श्री कृष्ण हमेशा अपने सिर पर मोर पंख लगाते थे। इसके अलावा, भगवान गणेश, कार्तिकेय, माता सरस्वती, इंद्र देव आदि कई अन्य देवताओं को भी मोर पंख बहुत पसंद हैं। आपको बता दें कि मोर पंख का न केवल धर्म बल्कि ज्योतिष में भी महत्व है। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में मोर पंख होता है, उस घर का सारा दुर्भाग्य समाप्त हो जाता है। आइए जानते हैं मोर पंखों से जुड़े कुछ ज्योतिष उपाय-
क्या महत्व है ज्योतिष शास्त्र में मोर पंख का
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मोर पंख को घर में रखना बहुत ही शुभ माना जाता है क्योंकि मोर पंख रखने से घर से सभी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है और सकारात्मकता आती है। जहां मोर पंख होते हैं, उस घर में कभी भी दुर्भाग्य नहीं होता है। इसलिए ज्योतिष में मोर पंख को बहुत महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है। इसके साथ ही मोर पंख से वास्तु दोष भी दूर किए जा सकते हैं। इतना ही नहीं, पंख से ग्रह की स्थिति में भी सुधार होता है, इसीलिए इस पंख का बहुत महत्व है।
घर में मोर पंख रखने के फायदे
मोर पंख को बहुत ही सुंदर और शुभ माना जाता है, इसलिए इन्हें घर में रखना व्यक्ति के लिए बहुत फायदेमंद होता है और इसे घर में रखना बहुत शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं मोर पंख के क्या फायदे हैं।
1. आपको बता दें कि मोर पंख को अपने घर में रखने से घर के वास्तु दोष दूर हो जाते हैं।
2. साथ ही इस पंख से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ता है।
3. इसके अलावा यह पंख भगवान श्री कृष्ण जी और माता लक्ष्मी जी को बहुत प्रिय है। ऐसा माना जाता है कि मंदिर में प्रतिदिन मोर पंख की पूजा करने से धन की देवी प्रसन्न होती है और घर में धन की प्राप्ति होती है।
4. वैवाहिक जीवन में मधुरता लाने के लिए जातक को अपने शयन कक्ष में मोर पंख के साथ बांसुरी भी रखनी चाहिए। इस उपाय को करने से आपको लाभकारी परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं।
5. अगर आपके घर में पैसा नहीं रहता है तो आपको अपने घर में मोर पंख रखना चाहिए।
6. आपको बता दें कि तिजोरी को घर की दक्षिण दिशा में रखें, उसमें मोर पंख रखें, वास्तु के इस नियम के अनुसार घर में कभी भी धन की कमी नहीं होगी।
7. बुरी नजर से बचने के लिए इस पंख को चांदी के ताबीज में रखें और इसे अपने बच्चे या देखने वाले को पहनाएं। यह उपाय आंखों की रोशनी के दोष को दूर करता है।
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ग्रह दशा के लिए मोर पंख
शनि ग्रह
यदि आप शनि ग्रह के अशुभ प्रभाव से गुजर रहे हैं तो आपको मोर पंख का सहारा लेना चाहिए। शनिवार के दिन मोर के तीन पंख लेकर उसके एक काला धागा बांध लें और एक थाली में तीन सुपारी एक साथ रख दें और इस मंत्र ॐ शनैश्वराय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा: का 21 बार जाप करके उसमें 21 बार गंगा जल चढ़ाएं। जप करें। उसके बाद आपको शनि देव के सामने मिट्टी के तीन दीपक तेल से जलाना चाहिए। और गुलाब जामुन का भोग लगाना चाहिए और शनि से संबंधित सभी दोष दूर हो जाते हैं।
चंद्र ग्रह
चंद्र ग्रह के लिए आपको 8 मोर पंख लेने चाहिए और उनके सफेद धागा बांधना चाहिए। इसके बाद इन पंखों वाली थाली में आठ सुपारी रख दें और उस पर गंगाजल चढ़ाते समय इस मंत्र का 21 बार जाप करें- ॐ सोमाय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा: जरूर जप करें। साथ ही चंद्रमा को पांच पान के पत्ते चढ़ाएं और बर्फी का प्रसाद चढ़ाएं, इससे आपको बहुत लाभ होगा।
मंगल ग्रह
मंगल दोष को दूर करने के लिए आप मोर के सात पंख लेकर मंगलवार के दिन उसके लाल रंग का धागा बांध लें। - इसके बाद एक प्लेट में पंखों वाली सात सुपारी रख लें। उन पर गंगाजल और ॐ भू पुत्राय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा: मंत्र का जाप करते हुए 21 बार डालें। बाद में पीपल के 2 पत्तों पर चावल रखकर मंगल ग्रह को चढ़ाएं और बूंदी का प्रसाद चढ़ाएं, इससे व्यक्ति का मंगल दोष दूर होता है।
बुध ग्रह
बुधवार के दिन आप 6 मोर पंख लें और उसके नीचे एक हरा धागा बांधें और उस पर गंगा जल चढ़ाते हुए 6 सुपारी को पंखों के साथ एक थाली में रखें। मंत्र का जाप करना चाहिए। उसके बाद बुध ग्रह को जामुन चढ़ाएं और केले के पत्ते पर रखकर मीठी रोटी चढ़ाएं।
गुरु ग्रह
गुरुवार के दिन 5 मोर पंख लें, उसके एक पीला धागा बांधें और पांच सुपारी मोर पंख थाली में रखें। 21 बार गंगा जल अर्पित करें, ॐ बृहस्पते नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:। मंत्र का जाप करना चाहिए और 11 केले देवता बृहस्पति को अर्पित करने चाहिए। साथ ही बेसन का प्रसाद बनाकर गुरु ग्रह को अर्पित करना चाहिए।
शुक्र ग्रह
साथ ही शुक्रवार के दिन चार पंख लेकर उसके गुलाबी रंग का धागा बांधकर, चार सुपारी को पंखों के साथ एक थाली में रखकर 21 बार गंगाजल डालते हुए ॐ शुक्राय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:। मंत्र का जाप करना चाहिए। उसके बाद आप शुक्र देवता को 3 मीठे पान चढ़ाएं और गुड़ और चने का प्रसाद बनाकर उन्हें चढ़ाएं।
सूर्य ग्रह
रविवार के दिन आप 9 पंख लें और उनके मैरून रंग का धागा बांधें और इन पंखों वाली थाली में 9 सुपारी रख दें। उसके बाद गंगाजल का 21 बार ॐ सूर्याय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा: छिड़काव करें। मंत्र का जाप करके सूर्य देव को दो नारियल चढ़ाएं।
राहु ग्रह
शनिवार के दिन सूर्योदय से पहले मोर के दो पंख लें और उसके एक भूरे रंग का धागा बांधें, इन पंखों के साथ दो सुपारी एक थाली में रखें और उन पर 21 बार गंगाजल छिड़कें। मंत्र का जाप करना चाहिए और चौमुखी दीपक जलाकर राहु को अर्पित करना चाहिए। उसके बाद किसी भी प्रकार का मीठा प्रसाद बनाकर राहु ग्रह को अर्पित करना चाहिए।
केतु ग्रह
केतु ग्रह के दुष्प्रभाव से बचने के लिए शनिवार के दिन सूर्य अस्त होने के बाद एक पंख लें और उसके एक सलेटी रंग का धागा बांधें, एक प्लेट पर पंख के साथ एक सुपारी रखें और 21 बार गंगा जल चढ़ाएं। ॐ केतवे नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा: मंत्र का जाप करें और जल से भरे दो कलश राहु को अर्पित करें, उसके बाद आप उन्हें फल चढ़ाएं।