kharmas 2022: शुभ कार्यों पर लगेगी रोक, जानिए इस दौरान क्या करें और क्या न करें

kharmas 2022: शुभ कार्यों पर लगेगी रोक, जानिए इस दौरान क्या करें और क्या न करें

kharmas 2022: शुभ कार्यों पर लगेगी रोक, जानिए इस दौरान क्या करें और क्या न करें

Kharmas 2022: सनातन धर्म में खरमास को अशुभ मास और शुभ कार्यों के लिए अनुपयुक्त समय माना गया है। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है क्योंकि ग्रह और नक्षत्र पृथ्वी से बहुत दूर होते हैं। खरमास का एक अन्य नाम मलमास भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार खरमास के दौरान सूर्य की गति धीमी हो जाती है इसलिए इस समय कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है। लेकिन इस समय कोई भी धार्मिक कार्य जैसे पूजा पाठ, मंत्र जाप आदि तो किया जा सकता है। इस बार खरमास 16 दिसंबर 2022 से शुरू हो रहा है और 14 जनवरी 2023 को समाप्त होगा।

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धर्म ग्रंथों के अनुसार जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है तो उस समय सूर्य की गति कम हो जाती है। सूर्य की यह चाल हमारे जीवन को भी प्रभावित करती है। इसलिए खरमास में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इस समय यदि आपकी कुंडली में कोई दोष है तो आप उसकी पूजा करवा सकते हैं। अगर आप तांबे के बर्तनों का इस्तेमाल करते हैं तो खरमास के समय तांबे का इस्तेमाल भी वर्जित माना गया है। इस समय दान-पुण्य करना बहुत ही शुभ माना जाता है।

खरमास कब से कब तक है?

16 दिसंबर 2022 से 14 जनवरी 2022 तक खरमास रहेगा, जबकि 14 जनवरी 2022 को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा, तब से शुभ कार्यों की शुरुआत होगी।

सूर्य का राशि परिवर्तन और विशेष महत्व

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 16 दिसंबर 2022 से 14 जनवरी 2023 तक सूर्य देव धनु राशि में गोचर करेंगे। 15 जनवरी 2023 से राशि परिवर्तन कर मकर राशि में जाएंगे यानि 15 जनवरी 2023 को मकर संक्रांति नए भाव में बनेगी। खरमास 16 दिसंबर 2022 को शुरू होगा और 14 जनवरी 2023 तक रहेगा। संक्रांति तब होती है जब सूर्य देव राशि परिवर्तन कर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं।

16 दिसंबर से शुरू हो रहे खरमास में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। मान्यता के अनुसार इस माह में विवाह आदि शुभ कार्य करना अच्छा नहीं माना जाता है। इस पूरे माह में ग्रहों के राजा सूर्य देव की विशेष पूजा करनी चाहिए। इस समय सूर्य देव की शक्ति भी क्षीण रहती है।

खरमास में क्यों वर्जित होते हैं शुभ कार्य

खरमास में द्विरागमन, कर्णवेध और मुंडन जैसे शुभ कार्य वर्जित होते हैं। क्योंकि खरमास में धनु यानी अग्नि भाव में सूर्य होता है, जो स्थितियों को खराब करता है और इस अवधि में किए गए कार्यों को बिगाड़ता है। इसलिए इस दौरान नए कार्य विशेषकर मांगलिक और कोई भी नया रोजगार या व्यवसाय शुरू करने से संबंधित कार्य वर्जित होते हैं।

एकादशी का व्रत अवश्य रखना चाहिए

खरमास के समय व्यक्ति को एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए। मान्यता है कि इस व्रत को करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। साथ ही पौष मास की पहली एकादशी का व्रत यानी सफला एकादशी का व्रत रखने से सभी कार्य सफल होते हैं। वहीं धन-समृद्धि की प्राप्ति होती है और आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं।

खरमास में मां लक्ष्मी की पूजा करें

शास्त्रों में बताया गया है कि खरमास में प्रतिदिन मां लक्ष्मी की पूजा करने और लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। ऐसा करने से माता लक्ष्मी अपने भक्तों पर प्रसन्न होती हैं। खरमास में इस उपाय को करने से व्यक्ति को धन संबंधी समस्याएं कभी परेशान नहीं करती हैं और तरक्की के रास्ते अपने आप खुल जाते हैं।

खरमास 16 दिसंबर 2022 से शुरू हो रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस समय सभी शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है। खरमास का नाम मलमास कहा जाता है। माना जाता है कि सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने पर खरमास नामक अशुभ योग बनता है।

आइए जानते हैं कि खरमास में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।

खरमास में कौन से कार्य करने चाहिए

1. कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए सूर्य देव को अर्घ्य जरूर दें। इसके साथ ही सूर्य के मंत्रों का जाप करें। जैसे- ॐ सूर्याय नमः, ॐ घृणि सूर्याय नमः।

2. साथ ही कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए सूर्य देव के आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ भी किया जा सकता है।

3. इस समय लक्ष्मी नारायण का पाठ भी करना चाहिए। उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए।

4. इस समय अधिक से अधिक दान-पुण्य कार्य करें। उससे सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।

5. खरमास के दौरान पीपल के पेड़ की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस पेड़ पर देवताओं का वास होता है इसलिए इसकी पूजा करने से सभी समस्याएं दूर हो जाती है।

6. खरमास में तुलसी पर जल चढ़ाएं। शाम के समय दीपक जलाना बहुत ही शुभ माना जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से दुखों से मुक्ति मिलती है। पूजा करते समय "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः" का जाप करें।

खरमास में क्या नहीं करना चाहिए
 
1. सुखी वैवाहिक जीवन के लिए खरमास के दौरान विवाह और सगाई की रस्में न करें।

2. इस दौरान जनेऊ, गृह प्रवेश, लग्न, मुंडन और अन्य शुभ कार्यों पर रोक रहती है।

3. इस माह में कोई भी व्यवसाय शुरू करने से खर्चे बढ़ते हैं और कर्ज बढ़ने की संभावनाएं बनती हैं।

4. इसके साथ ही खरमास में नया घर नहीं खरीदना चाहिए और न ही नया घर बनाना चाहिए।

5. इस महीने में धार्मिक अनुष्ठान नहीं करना चाहिए लेकिन नित्य कर्म किए जा सकते हैं।

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