होलिका दहन की रात पति-पत्नी मिलकर करें ये 5 काम, मिलेगी अपार धन-समृद्धि
अगर होलिका दहन की रात पति-पत्नी एक साथ पूजा करें तो ऐसे घरों से मां लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं और धन-धान्य के रूप में कृपा बरसाती हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि होलिका दहन की रात पति-पत्नी को संयम से रहना चाहिए और उनका मन प्रभु भक्ति में लगाना चाहिए। साथ ही शास्त्रों में कुछ ऐसे कार्यों का भी उल्लेख किया गया है, जिन्हें होलिका दहन की रात पति-पत्नी मिलकर करें तो उनके रिश्ते और भी मधुर बनते हैं और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। आइए जानते हैं कौन से हैं ये उपाय।
नीचे दिए गए कार्यो को अपना कर आप पति पत्नी की समस्याओ का समाधान कर सकते है।
होलिका दहन की रात्रि को पति पत्नी को निम्न कार्य करने चाहिए
सेक्स मत करो
पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन मनाया जाता है और शास्त्रों में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को संबंध बनाना अच्छा नहीं बताया गया है। इसलिए इनसे बचना चाहिए और लक्ष्मी नारायण का ध्यान करते हुए ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। दूसरी बात यह भी है कि इस समय ग्रह भी उग्र स्थिति में होते हैं जिससे इस दिन गर्भधारण होने पर संतान पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसलिए शास्त्रों में बताया गया है कि होलिका दहन पर संयम रखना चाहिए, ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
पति-पत्नी रखें चौकसी
होलिका दहन साल की आखिरी पूर्णिमा को पंचांग के अनुसार किया जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करना शुभ फलदायी होता है। इसलिए इस रात को अगर पति-पत्नी जागते हुए मां लक्ष्मी की पूजा करें और मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें तो साल भर घर में धन-समृद्धि बनी रहती है। इस दिन पति-पत्नी को आपस में बहसबाजी करने से बचना चाहिए। आप जितना आनंद और प्रसन्नता के साथ दिन बिताएंगे, आपके लिए उतना ही फायदेमंद रहेगा।
पति-पत्नी मिलकर भगवान को भोग लगाते हैं
यदि आप प्रतिदिन भोजन बनाकर उसमें से एक भाग निकालकर भगवान को अर्पित करते हैं तो इससे आपके घर में बरकत आती है। अगर आप हर दिन ऐसा नहीं कर पाते हैं तो कम से कम होली, दिवाली, चैत्र नवरात्रि के दिन जरूर करें। होलिका दहन के दिन पति-पत्नी को सभी देवी-देवताओं और भगवान विष्णु को एक साथ भोग लगाना चाहिए और फिर प्रसाद ग्रहण करना चाहिए। इससे आरोग्यता आती है और घर में सुख-समृद्धि भी बनी रहती है।
शिवलिंग के दर्शन न करें
होलिका दहन यानी फाल्गुन पूर्णिमा तिथि को नवविवाहित पति-पत्नी जिनकी शादी को एक साल नहीं हुआ हो। और जो महिलाएं गर्भवती होती हैं वे मंदिर जाती हैं और भगवान विष्णु और उनके अवतारों की पूजा करती हैं। भगवान शिव की मूर्ति की पूजा करें, लेकिन आपको इस समय शिवलिंग की पूजा करने से बचना चाहिए। और संतान प्राप्ति के बाद शिवलिंग की पूजा करने का प्रयास करें। ऐसी भी मान्यता है कि नवविवाहित जोड़ों को होलिका दहन नहीं देखना चाहिए, इससे उनके वैवाहिक जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
पति-पत्नी एक साथ चंद्रमा को देखें
होलिका दहन की शाम को खीर का प्रसाद बनाकर चंद्रोदय के समय चंद्र देव को अर्पित करना चाहिए। इसके साथ ही प्रसाद का एक हिस्सा मां लक्ष्मी को भी अर्पित करना चाहिए। इस रात पति-पत्नी को एक साथ चंद्रदेव के दर्शन करने चाहिए। इससे उनके वैवाहिक जीवन पर शुभ प्रभाव पड़ता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूर्णिमा की रात चंद्रमा को देखने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। दूसरा कुंडली में चंद्रमा की मजबूत स्थिति से मनोबल बढ़ता है। फाल्गुन पूर्णिमा पर चंद्रमा सिंह राशि में रहेगा और सूर्य की भी चंद्रमा पर सीधी दृष्टि रहेगी। ऐसे में यदि पति-पत्नी एक साथ चंद्रमा को देखें तो यह उनके लिए दैहिक और अलौकिक दोनों दृष्टियों से लाभकारी होगा।