धनतेरस 2022: शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और साथ ही यह भी जानें की इस दिन क्या खरीदने से बचें
धनतेरस 2022: शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और साथ ही यह भी जानें की इस दिन क्या खरीदने से बचें
दिवाली का पांच दिवसीय त्योहार धनतेरस के दिन से शुरू रहा है। इस दिन भगवान कुबेर और धन के देवता भगवान धन्वंतरि देव की पूजा करने का विधान है।
धनतेरस 2022 शुभ मुहूर्त: हिंदू धर्म में हर त्योहार का अपना महत्व है। दिवाली, दशहरा और धनतेरस कुछ ऐसे त्योहार हैं, जिनका साल शुरू होते ही इंसान बेसब्री से इंतजार करता है। दीपावली की शुरुआत धनतेरस के दिन से होती है। धनतेरस का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इसी दिन से पांच दिनों तक चलने वाला दीपावली पर्व शुरू हो जाता है। धनतेरस के दिन धन के देवता भगवान धन्वंतरि और कुबेर की पूजा करने का विधान है।
धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त: धनतेरस पर आप 22 अक्टूबर 2022 की पूरी रात और 23 अक्टूबर 2022 को त्रयोदशी तिथि समाप्त होने पर खरीदारी कर सकते हैं, यानी दोनों दिन खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त हैं। धनतेरस पर सोना, चांदी, वाहन, संपत्ति, जमीन, बर्तन आदि खरीदना शुभ होता है।
धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदने का मुहूर्त- 22 अक्टूबर 2022, शाम 06:02 बजे- 23 अक्टूबर 2022, सुबह 06:03, 23 अक्टूबर
अवधि - 24 घंटे
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 5:44 बजे से शाम 6.05 बजे तक रहेगा।
धनतेरस 2022: महत्व-
धनतेरस के दिन को आयुर्वेद के भगवान की जयंती धन्वंतरि जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। माना जाता है कि भगवान धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी इस दिन सतयुग के दौरान समुद्र से निकले थे। ऐसा कहा जाता है कि भगवान धन्वंतरि सागर मंथन के अंत में प्रकट हुए थे जब देव और असुर मिलकर अमृत के लिए समुद्र मंथन कर रहे थे।
भगवान धन्वंतरि को भगवान विष्णु जी का अवतार भी माना जाता है, जिन्होंने अमृत युक्त कलश धारण किया।
धनतेरस पर शाम को लक्ष्मी पूजा की जाती है और रात में मिट्टी के दीपक जलाए जाते हैं। मां लक्ष्मी को मिठाई का भोग भी लगाया जाता है। देवी महालक्ष्मी, महा काली और देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान कुबेर और गणेश की भी पूजा की जाती है।
जीवन का सबसे बड़ा धन उत्तम स्वास्थ्य है, इसलिए आयुर्वेद के देवता धनतेरस के अवतरण दिवस पर स्वास्थ्य के रूप में धन प्राप्त करने के लिए यह पर्व मनाया जाता है। धनतेरस का पर्व 22 अक्टूबर को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं क्या है धनतेरस की पूजा की विधि सरल तरीके से।
धनतेरस पूजा विधि:
-इस दिन सुबह जल्दी उठकर नियमित कार्य से निवृत्त होकर पूजा की तैयारी करें। घर के ईशान कोण में ही पूजा करें। पूजा के समय हमारा मुख उत्तर, पूर्व या उत्तर में होना चाहिए।
-पूजा के समय पंचदेव की स्थापना अवश्य करें। सूर्यदेव, श्री गणेश, दुर्गा, शिव और विष्णु पंचदेव कहलाते हैं। पूजा के समय सभी को एकत्रित होकर पूजा करनी चाहिए। पूजा के दौरान किसी भी तरह का शोर न करें।
-इस दिन धन्वंतरि देव की षोडशोपचार पूजा करनी चाहिए। यानी 16 क्रियाओं से युक्त पूजा। पंड्या, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, आभूषण, गंध, फूल, धूप, दीप, नवैद्य, आचमन, तंबुल, स्तवपथ, तर्पण और नमस्कार। पूजा के अंत में संगत सिद्धि के लिए दक्षिणा भी देनी चाहिए।
-इसके बाद धन्वंतरि देव के सामने धूप, दीपक जलाएं। फिर उनके माथे पर हल्दी कुंकू, चंदन और चावल लगाएं। फिर उन्हें हार और फूल चढ़ाएं।
-पूजा में अनामिका सुगंध यानी चंदन, कुमकुम, अबीर, गुलाल, हल्दी आदि का प्रयोग करना चाहिए। इसी प्रकार उपरोक्त षोडशोपचार की सभी सामग्री से पूजन करें। पूजा करते समय उनके मंत्र का जाप करें।
-पूजा के बाद प्रसाद चढ़ाएं। ध्यान रहे कि नैवेद्य में नमक, मिर्च और तेल का प्रयोग नहीं किया जाता है। प्रत्येक डिश पर तुलसी का पत्ता रखा जाता है।
-अंत में उनकी आरती करने के बाद नैवेद्य चढ़ाकर पूजा संपन्न की जाती है।
-मुख्य पूजा के बाद अब प्रदोष काल में मुख्य द्वार या आंगन में दीप जलाएं। साथ ही यम के नाम का दीपक जलाएं। रात के समय घर के सभी कोनों में दीये जलाएं।
धनतेरस पर क्या खरीदें:
धनतेरस के दिन सोना, चांदी, पीतल, तांबा, धनिया, किताबें, कपड़े, झाड़ू, नमक का एक पैकेट, धार्मिक साहित्य, दवा, खिलौने, माला, सजावटी सामान, गणेशजी और माता लक्ष्मी की मूर्ति, श्री यंत्र, दक्षिणावर्ती शंख, कमल की माला, चांदी के सिक्के, गहने, मिट्टी के बर्तन, दीये आदि जैसी वस्तुएं खरीद सकते हैं।
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धनतेरस पर क्या खरीदने से बचे:
1. लोहा: लोहा शनि की धातु है, इसे घर में लाने से दुर्भाग्य आ सकता है।
2. एल्युमिनियम: एल्युमिनियम राहु की धातु है, यह घर में दुर्भाग्य भी पैदा करती है।
3. स्टील: स्टील भी लोहा है। इसे खरीदने से घर में दरिद्रता आती है।
4. प्लास्टिक: प्लास्टिक खरीदने से आशीर्वाद कम होता है।
5. शीशा: कांच या कांच के बर्तन भी राहु की वस्तु होते हैं, जिसके कारण राहु घर में प्रवेश करता है।
6. काले रंग के कपड़े: इस दिन काले या गहरे नीले रंग के कपड़े न पहनें।
7. तेल या घी: इस दिन तेल या घी भी नहीं खरीदना चाहिए।
8. चीनी मिट्टी के बर्तन: इस दिन चीनी मिट्टी के बर्तन नहीं खरीदने चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे घर में आशीर्वाद नहीं आता है।